धनवान होना सफलता है.......
नामवान होना सफलता है.......
...........या फिर नकाबपोस होना सफलता है......
पिछले दो सालो से एक परिवार के सम्पर्क में हूँ....ak ऐसा परिवार, जो धन चाहता है....नाम चाहता है...और इसके लिए अपनी सारी खुशियों को दाव पर लगा रखा है....इन दो सालो में मैंने इस परिवार को करीब से देखा....जाना-पहचाना.....
पाया की इस परिवार ka प्रत्येक सदस्य नाम....धन...के पीछे अपनी जिन्दगी को dav पर लगा कर ख़ुद को ही गुमराह करने में लगा हुआ है...कोई ऐसा दिन नही बीतता जब इसके सदस्यों में तू-तू, मैं-मैं न होती हो......घर मैं लगातार एक हफ्ते तक पिछले दो सालो मैं मुझे प्यार का माहौल देखने नही मिला....
परन्तु घर से बहार इस परिवार को कोई भी ये नही मान सकता की इस परिवार में किसी तरह का तनाव है....असल में घर से बहार इन लोगो ने इतना बड़ा नकाब पहन रखा है की .......आसपडोस के लोग उसे पहचान ही नही पा रहे.....कुछ ऐसे भी लोग है जो इस परिवार को अपना आदर्श मानते है......जब इस बात का जीकर परिवार के लोगो के बीच होता है तो हर कोई इसका कारन अपने -आप को बता कर पुरा पुरुस्कार ख़ुद को ही देने की कोशिश करता है ......और ये बात फिर तनाव का कारण बन जाती है....फिर कई दिनों तक आपस में बोल-चल बंद .....
क्या ये ही जिन्दगी है.......नाम....धन....में ही सारी खुशिया छुपी हुई है.....इस परिवार से मुझे पता चला की जो लोग नाम और धन की चाहत में ही लगे रहते है.....जिन्दगी उनसे का दूर हो जाती है....उनके पास रहता है -एक नकाब।
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